Category Archives: Indian Constitution

भारतीय संविधान के टॉप 35 MCQ

  • भारतीय संविधान की प्रस्तावना की भाषा को किस देश से लिया गया है – ऑस्ट्रेलिया
  • किसने भारतीय संविधान की प्रस्तावना को संविधान का कुंजी नोट कहा था – अर्नेस्ट बार्कर
  • भारतीय गणतंत्र की प्रकृति किस प्रकार है – संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक, गणराज्य
  • कौन सा शब्द भारत के संविधान की उद्देशिका में नहीं है – लोक कल्याण
  • प्रस्तावना का वह प्रावधान, जो सभी वयस्क नागरिकों को मतदान का अधिकार प्रदान करता है कहलाता है – लोकतंत्र
  • भारतीय संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्ष व समाजवादी शब्द जोड़े़ गए – 42वें संविधान संशोधन द्वारा(1976)
  • अब तक भारत के संविधान की उद्देशिका में कितनी बार संशोधन किया जा चुका है – एक बार
  • भारत के संविधान के उद्देशिका में कितने प्रकार की न्याय की व्यवस्था की गई है – तीन( सामाजिक , आर्थिक और राजनीतिक न्याय)
  • किसने भारतीय संविधान की प्रस्तावना को हमारे संप्रभु, लोकतांत्रिक गणतंत्र की जन्मकुंडली कहा | – के .एम.मुंशी ने
  • संविधान की प्रस्तावना में प्रयुक्त शब्द पंथनिरपेक्ष का अर्थ है – सभी नागरिकों को धर्म एवं उपासना की स्वतंत्रता
  • भारत में संसदीय प्रणाली किस देश से प्रेरित हैं – ब्रिटेन
  • वर्तमान में भारतीय संविधान में कितने भाग हैं- 22 भाग
  • भारतीय संविधान को अर्द्धसंघीय संविधान की संज्ञा किसने प्रदान की कैसी है – के.सी.ह्रेयर
  • हम ,भारत के लोग( we,the people of India) शब्दों का प्रयोग संविधान में कहां किया गया है– संविधान की प्रस्तावना में
  • के .एम. मुंशी का संबंध किससे है – संविधान की प्रारूप समिति से
  • किसी राज्य के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य है- संप्रभुता
  • (संप्रभुता संपन्न(sovereign) – संविधान की प्रस्तावना के अनुसार, भारत एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न राष्ट्र होगा | इससे स्पष्ट है कि ,भारत अपनी आंतरिक एवं बाह्य मामलों में किसी भी विदेशी सत्ता के अधीन नहीं हैं तथा वह अपने किसी भी आंतरिक एवं बाह्य नीति निर्धारित करने के लिए किसी भी राष्ट्र के साथ संधि एवं मित्रता करने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र है|)
  • मूल अधिकार कहां से लिया गया है ?– अमेरिका
  • आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं ?हैं-  22 भाषाएं
  • स्वतंत्र भारत की लोकसभा का पहला अध्यक्ष कौन था? – जी.  वा. मावलंकर
  • संविधान के हृदय और आत्मा किस अनुच्छेद में है ?- अनुच्छेद 32
  • भारत के संविधान सभा का संवैधानिक सलाहकार कौन था? – बीएन राव
  • भारतीय संविधान सभा का अध्यक्ष कौन था ?– डॉ राजेंद्र प्रसाद
  • भारतीय संविधान की समवर्ती सूची की धारणा किस देश से ली गई है?-  ऑस्ट्रेलिया
  • भारतीय संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द किस संशोधन में जोड़ा गया? – 42वां संशोधन
  • भारतीय संविधान में कितनी अनुसूचियां हैं? – 12
  • हमारे संविधान में नीति निदेशक तत्व की अवधारणा कहां से लिया गया है-? आयरलैंड
  • संविधान के उद्देश्य में समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द किस संशोधन के द्वारा जोड़े गए हैं ?-  42 संशोधन द्वारा
  • भारतीय संविधान में राष्ट्रपति के चुनाव की प्रणाली किस देश से ली गई है? – आयरलैंड
  • भारतीय संविधान कब मनाया भारतीय संविधान को कब अपनाया गया था ?– 26 नवंबर 1949
  • हमारा पहली बार राष्ट्रीय गान कब और कहां गाया गया था ?– 27 दिसंबर 1911 कोलकाता में
  • डॉक्टर बी आर अंबेडकर ने संविधान को हृदय और आत्मा किस अनुच्छेद में कहा था? – अनुच्छेद 32
  • भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे ?– डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
  • भारतीय संविधान का निर्माता किसे माना जाता है ?- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
  • हमारे संविधान में मूल अधिकार कहां के संविधान से लिया गया है? – अमेरिका
  • भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में कितनी भाषाएं शामिल है ?– 22 भाषाएं
  • संविधान के अंतर्गत भारतीय लोकतंत्र के आदर्शों को हम कहां देख सकते हैं ?– प्रस्तावना में
  • भारतीय संविधान का संशोधन किस देश से लिया गया था ? – दक्षिण अफ्रीका

 

हमारे वॉट्स्ऐप ,फेसबुक और ट्विटर पेज को फॉलो करने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें-

https://www.facebook.com/basicshikshakhabar.in
https://twitter.com/basicshiks26791

https://chat.whatsapp.com/JY1nv183jemIS9TzlUMAjY

राज्य के नीति- निर्देशक तत्व

राज्य के नीति- निर्देशक तत्व भाग – 4 (36 से 51)

राज्य के नीति -निर्देशक सिद्धांत का वर्णन संविधान के भाग – 4 में अनुच्छेद( 36 से 51 ) तक किया गया है इसकी प्रेरणा आयरलैंड के संविधान से मिली है | इसे न्यायालय द्वारा लागू नहीं किया जा सकता यानी इसे वैधानिक शक्ति प्राप्त नहीं है | किंतु फिर भी इस भाग में अधिक आर्थिक तत्व देश के प्रशासन में मूलभूत है और विधि बनाने में इन तत्वों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा।

राज्य के नीति- निर्देशक तत्व (directive principles of state policy) जनतांत्रिक संवैधानिक विकास के नवीनतम तत्व हैं।  ये वे तत्व है जो संविधान के विकास के साथ ही विकसित हुए है। इन तत्वों का कार्य एक जनकल्याणकारी राज्य (वेलफेयर स्टेट) की स्थापना करना है।

  • अनुच्छेद 38: राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा जिससे नागरिक को सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय मिलेगा।
  • अनुच्छेद 39(क): सामान्य निशुल्क विधिक सहायता समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था इसी में है पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान कार्य के लिये समान वेतन।
  • अनुच्छेद 39(ख):सार्वजनिक धन का स्वामित्व तथा नियंत्रण इस प्रकार करना ताकि सार्वजनिक हित का सर्वोत्तम साधन हो सके ।
  • अनुच्छेद 39(ग): धन का सामान वितरण ।
  • अनुच्छेद 40:  ग्राम पंचायतों का संगठन।
  • अनुच्छेद 41: बेरोज़गारी, बुढ़ापा, बीमारी और विकलांगता के मामलों में कार्य करने, शिक्षा पाने और सार्वजनिक सहायता पाने का अधिकार सुरक्षित करना।
  • अनुच्छेद 42: राज्य काम की न्यायसंगत और मानवीय परिस्थितियों को सुनिश्चित करने एवं मातृत्व राहत के लिये प्रावधान करेगा।
  • अनुच्छेद 43: राज्य सभी कामगारों के लिये  निर्वाह योग्य मज़दूरी और एक उचित जीवन स्तर सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
  • अनुच्छेद 44: नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता।
  • अनुच्छेद 46:अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल लोगों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि।
  • अनुच्छेद 47: लोगों के पोषण स्तर और जीवन स्तर को ऊपर उठाना और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करना।
  • अनुच्छेद 48: कृषि एवं पशुपालन का संगठन।
  • अनुच्छेद 48( क ): पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन एवं वन्य जीवो की रक्षा।
  • अनुच्छेद 49: राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण।
  • अनुच्छेद 50: कार्यपालिका एवं न्यायपालिका का पृथक्करण।
  • अनुच्छेद 51 :अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अवधि।
  • अनुच्छेद 350 :का प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा देना।
  • अनुच्छेद 351: हिंदी का प्रोत्साहन देना।
नीति-निर्देशक सिद्धांत और मौलिक अधिकार में अंतर:-
नीति-निर्देशक तत्व
      • यह आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
        जिसका वर्णन संविधान के भाग 4 में किया गया है।
      • इसे लागू कराने के लिए न्यायालय नहीं जाया जा सकता है।
      • यह समाज की भलाई के लिए इसके पीछे राजनीतिक मान्यता है।
      • यह सरकार के अधिकारों को बढ़ाता है।
      • यह राज्य सरकार के द्वारा लागू करने के बाद ही नागरिक को प्राप्त होता है।
मौलिक अधिकार:-
  • मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से लिया गया है।
  • इसका वर्णन संविधान के बाद तीन में किया गया है।
  • इसे लागू कराने के लिए न्यायालय की शरण ले सकते हैं या व्यक्ति के अधिकार के लिए है।
  • मौलिक अधिकार के पीछे कानूनी मान्यता है।
  • यह सरकार के महत्व को बताता है।
  • यह अधिकार या नागरिकों को स्वयं प्राप्त हो जाता है।

 

हमारे वॉट्स्ऐप ,फेसबुक और ट्विटर पेज को फॉलो करने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें-

https://www.facebook.com/basicshikshakhabar.in
https://twitter.com/basicshiks26791

https://chat.whatsapp.com/JY1nv183jemIS9TzlUMAjY

मौलिक अधिकार में संशोधन

मौलिक अधिकार में संशोधन

1-  गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य(1967ई.)-
  • गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य(1967ई.) के निर्णय से पूर्व दिए गए निर्णयों में यह निर्धारित किया गया था कि संविधान के किसी भी भाग में संशोधन किया जा सकता है जिसमें अनुच्छेद 368 एवं मूल अधिकार को शामिल किया गया था
  • सर्वोच्च न्यायालय ने  गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य राज्य वाद 1967 ई.के निर्णय में अनुच्छेद 368 में निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से मूल अधिकारों में संशोधन पर रोक लगा दी अर्थात संसद मूल अधिकार में संशोधन नहीं कर सकती है
  • गोलकनाथ मामले (1967) में सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती है और यह शक्ति केवल संविधान सभा के पास होगी।
  • न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद 368 के तहत संशोधन यदि भाग III द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार को ” निरस्त करता है” तो यह शून्य है।
2-  24वे में संविधान संशोधन (1971)-
  • 24वे में संविधान संशोधन (1971 )द्वारा अनुच्छेद 13 और 368 में संशोधन किए गए तथा यह निर्धारित किया गया कि अनेक अनुच्छेद 368 में दी गई प्रक्रिया द्वारा मूल अधिकार में संशोधन किया जा सकता है
  • केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद-
  • इसके अंतर्गत संविधान की ‘आधारभूत संरचना’ (Basic Structure) का ऐतिहासिक सिद्धांत दिया गया था।
  • यह इस कारण से अद्वितीय था कि इसने लोकतांत्रिक शक्ति के संतुलन में बदलाव किया। इससे पहले के निर्णयों में यह कहा गया था कि संसद एक उचित विधायी प्रक्रिया के माध्यम से मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है।
  • लेकिन इस मामले में निर्णय लिया गया कि संसद संविधान की मूल संरचना अर्थात् ‘बुनियादी संरचना’ में संशोधन या परिवर्तन नहीं कर सकती है।
  • केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद के निर्णय में इस प्रकार के संशोधन को विधि मान्यता प्रदान की गई अर्थात गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य के निर्णय को निरस्त कर दिया गया
3-  24वे वे संविधान संशोधन (1976 )-
  • 24वे वे संविधान संशोधन (1976 )द्वारा अनुच्छेद 368 में खंड 4 और 5 जोड़े गए तथा या व्यवस्था की गई कि इस प्रकार किए गए संविधान संशोधन को किसी न्यायालय में प्रश्न गत नहीं किया जा सकता है
4-  मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ 1980-
  • मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ 1980 के निर्णय के द्वारा यह निर्धारित किया गया कि संविधान के आधारभूत लक्षणों की रक्षा करने का अधिकार न्यायालय को है और न्यायालय इस आधार पर किसी भी संशोधन का पुनरावलोकन कर सकता है इसके द्वारा चर्चा में संविधान संशोधन द्वारा की गई व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया|

 

हमारे वॉट्स्ऐप ,फेसबुक और ट्विटर पेज को फॉलो करने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें-

https://www.facebook.com/basicshikshakhabar.in
https://twitter.com/basicshiks26791

https://chat.whatsapp.com/JY1nv183jemIS9TzlUMAjY

मौलिक अधिकार

मौलिक अधिकार

इसे संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है इसका वर्णन संविधान भाग 3 में अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35 है
संविधान के भाग 3 को भारत का अधिकार पत्र मैग्नाकार्टा कहा जाता है इसे मूल अधिकारों का जन्मदाता भी कहा जाता है मौलिक अधिकारों में संशोधन हो सकता है एवं राष्ट्रीय पाठ के दौरान अनुच्छेद 352 जीवन एवं व्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकार को छोड़कर अन्य मौलिक अधिकारों को स्थगित किया जा सकता है
मूल संविधान में 7 मौलिक अधिकार थे लेकिन 44 संविधान संशोधन 1978 ईस्वी के द्वारा संपत्ति का अधिकार अनुच्छेद 31 एवं 19 क को मौलिक अधिकार की सूची से हटा कर इसे संविधान के अनुच्छेद के अंतर्गत कानूनी अधिकार के रूप में रखा गया है

मौलिक अधिकार

  • समता या समानता का अधिकार अनुच्छेद  –14 से 18
  • स्वतंत्रता का अधिकार –  अनुच्छेद 19 से 22
  • शोषण के विरुद्ध अधिकार –    अनुच्छेद 23 से 24
  • धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार-   अनुच्छेद 25 से 28
  • संस्कृत और शिक्षा संबंधी अधिकार –  अनुच्छेद  29 से 30
  • संवैधानिक उपचारों का अधिकार -अनुच्छेद  32

 

1- समता या समानता का अधिकार अनुच्छेद –  (14 से 18)

  • अनुच्छेद 14-  विधि के समक्ष समता
  • अनुच्छेद 15-  धर्म नस्ल जाति लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध
  • अनुच्छेद 16–  लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
  • अनुच्छेद 17- अस्पृश्यता का अंत
  • अनुच्छेद 18 -उपाधियों का अंत

2- स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद-  (19 से 22)

  • अनुच्छेद 19(f)  संपत्ति का अधिकार (44 वा) संविधान संशोधन (1978 )के द्वारा हटा दिया गया|
  • 6 तरह की स्वतंत्रता का अधिकार-
  • (अनुच्छेद 19 (a)– बोलने की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता का वर्णन अनुच्छेद
    अनुच्छेद 19 (b) –शांतिपूर्वक बिना हथियारों के एकत्रित होने और सभा करने की स्वतंत्रता
    अनुच्छेद 19 (c)-संघ बनाने की स्वतंत्रता
    अनुच्छेद 19(d)- देश के किसी भी क्षेत्र में आवागमन की सफलता
    अनुच्छेद 19 (e)-देश के किसी भी क्षेत्र में निवास करने  सफलता
  • अनुच्छेद 19 (f)-)व्यापार एवं जीविका चलाने की स्वतंत्रता
  • अनुच्छेद 20- अपराधों के लिए दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण
    अनुच्छेद 21 -प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
    अनुच्छेद 21-( क) राज्य 6से 14 वर्ष की आयु के समस्त बच्चों को निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध करेगा( 86 वा संशोधन -2002 )के तहत
    अनुच्छेद 22 – कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध में संरक्षण

3-  शोषण के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद  (23 से 24)

  • अनुच्छेद 23- मानव के दुर्व्यापार और बल आश्रम का प्रतिषेध
    अनुच्छेद 24 – बालकों के नियोजन का प्रतिषेध

4- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार- अनुच्छेद  (25 से 28)

  • अनुच्छेद 25 -अंतः करण की और धर्म के अवैध रूप से मानने ,आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
    अनुच्छेद 26 -धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
    अनुच्छेद 27 -राज्य किसी भी व्यक्ति को कर देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता
    अनुच्छेद 28 -राज्य विधि से पूर्णता पोषित किसी शिक्षा संस्था में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी

5- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार-अनुच्छेद   (29 से 30)

  • अनुच्छेद 29 -अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
  • अनुच्छेद 30 -शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार

6- संवैधानिक उपचारों का अधिकार-अनुच्छेद  (32)

  • संवैधानिक उपचारों के अधिकार को डॉ भीमराव अंबेडकर ने संविधान की आत्मा कहा है
    अनुच्छेद 32 –इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय को पांच तरह के रिट निकालने की शक्ति प्रदान की गई है
  •  बंदी प्रत्यक्षीकरण नंबर
  •  परमादेश
  • प्रतिषेध लेख
  • उत्प्रेषण
  • अधिकार पृच्छा  लेख

 

हमारे फेसबुक और ट्विटर पेज को फॉलो करने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें-

https://www.facebook.com/basicshikshakhabar.in
https://twitter.com/basicshiks26791

भारतीय संविधान के भाग

भारत का संविधान- भारत का संविधान सर्वोच्च संविधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा ‘26 जनवरी 1950 ‘से प्रभावी हुआ। यह दिन 26 नवम्बर भारत के’ संविधान दिवस’ के रूप में घोषित किया गया है |जबकि भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में 26 जनवरी का दिन  मनाया जाता है।भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम 1935 को माना जाता है।भारत का संविधान  सबसे लम्बा लिखित संविधान है।भारतीय संविधान का जनक भीमराव अम्बेडकर को  कहा जाता हैं।

भारतीय का संविधान 22 भागों में विभाजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।

 भारतीय संविधान के भाग

भाग विषय अनुच्छेद
i संघ एवं उसका राज्य 1 से 4
ii नागरिकता 5 से 11
iii मौलिक अधिकार 12 से 35
iv नीति निर्देशक तत्व 36 से 51
v ( क ) मूल कर्तव्य 51 (क)
vi संघ 52 से 151
vii राज्य 152 से 237
viii पहली अनुसूची के भाग (ख) के राज्य 238 (निरसित)
ix संघ राज्य क्षेत्र 239 से 242
x पंचायतें 243 से 243
xi (क) नगर पालिकाएं 243
xii ( ख ) सहकारी सहकारी समितियां 243
xiii अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति क्षेत्र 244 (क)
xiv संघ और राज्यों के बीच संबंध 245 से 263
xv वित्त, संपत्ति, संविदा और वाद 264 से 300 (क)
xvi भारत के भीतर व्यापार और वाणिज्य एवं समागम 301 से 307
xvii संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ 308 से 323
xviii ( क ) न्यायाधिकरण 323 ( क ) 323 (ख)
xix निर्वाचन 324 से 329
xx कुछ वर्गों से संबंधित विशेष प्रावधान 330 से 342
xxi राजभाषा 343 से 351
xxii आपात उपबंध 352 से 360
xxiii प्रकीर्ण 361 से 367
xxiv संविधान संशोधन 368
xxv अस्थाई संक्रमण कालीन और विशेष उपबंध. 369 से 392
xxvi संक्षिप्त नाम प्रारंभ हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन. 392 से 395

 

पर्यावरण अध्ययन में (मकान) से बनने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

पर्यावरण अध्ययन के 45 महत्वपूर्ण प्रश्न (CTET 2023 )(NCERT BASAD EVS)

हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (प्रैक्टिस सेट 2)

पर्यावरण अध्ययन (Topic-जानवर)(परीक्षा में आने वाले प्रश्न)(NCERT BASED EVS CTET 2023)

हमारे वॉट्स्ऐप और फेसबुक पेज को फॉलो करने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें-

https://www.facebook.com/basicshikshakhabar.in

https://chat.whatsapp.com/JY1nv183jemIS9TzlUMAjY